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Saturday, April 25, 2015

शिक्षा के व्यवसायिकरण को बंद किया जाए...और छात्रों से भी निवेदन है कि अपने अधिकारों को लेकर आवाज़ उठाएं .ःवर्धा के आंदोलनकारी छात्र



पुरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किये गए ...भूकंप की तीव्रता 7.5 मापी गई है..नेपाल के काठमांडू में इसके केंद्र होने के कारण सम्पूर्ण उत्तर भारत पर इसका व्यापक असर देखने को मिला है....जान-माल के काफी नुकसान की संभावना है.....आपके यहाँ ?

महापुरुषों के नाम पर स्थापित संस्थाओं में ही सबसे अधिक उनकी विचारधारों के विपरीत कार्य किया जाता है..शैक्षणिक संस्थान तो इस मामले दो कदम आगे हैं ...इस पर आपकी क्या राय है ?


महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोतरी के विरोध में 70 घंटे तक चले धरने में छात्रों को सफलता प्राप्त हुई..आन्दोलन के दौरान कई ऐसे चहरे बेनकाब हुए जो कक्षा में तो नैतिकता और सिद्धांतों की बात करते हैं परंतु व्यवहारिक रूप में उतने ही अमानवीय है...इन सब बाधाओं के बावजूद छात्रों की एकता ने अपने लक्ष्य को प्राप्त किया .....हम सभी शैक्षणिक संस्थानों से अपील करते हैं कि शिक्षा के व्यवसायिकरण को बंद किया जाए...और छात्रों से भी निवेदन है कि अपने अधिकारों को लेकर आवाज़ उठाएं .....आप सभी मित्रों का धन्यवाद जिन्होने इस आन्दोलन को सफल बनाने में हमारी सहायता की ....... 

शैक्षणिक संस्थानों में आंदोलन के असफल होने के कई कारण है अक्सर हम प्रशासन को अधिक ताकतवर मानकर हार मान लेते हैं परंतु एक मुख्य कारण छात्रों में खुद पर विश्वास की कमी भी है. प्रशासन डरा धमकाकर छात्रों को पीछे हटने पर मजबूर करता है कई छात्र अपना भविष्य खतरे में देख पीछे हट भी जाते हैं पर उन छात्रों को समझना चाहिए कि छात्र आंदोलन में प्रशासन अंग्रेजों की 'फूट डालो और शासन करो' की नीति अपनाता है..प्रशासन साम दाम दंड भेद कैसे भी हो पूरा प्रयास करता है कि आंदोलन विफल हो जाए परंतु यदि छात्रों में एकता हो तो प्रशासन भी घुटने टेक देता है...मेरी अपील है ऐसे छात्रों से कि खुद पर भरोसा रखना सीखे क्यूंकि आपकी संस्कारी प्रवृत्ति ही प्रशासन का हथियार है...


Chandan Kumar

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में अहिंसा एवम् शान्ति अध्ययन को विकास एवम् शान्ति अध्ययन में परिवर्तित किये जाने पर विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करने के लिए विभाग के साथियों ने मिलकर आवेदन आम सभा आयोजित करने के लिए विभागीय कार्यालय में दिया।

इस विषय के जानकार साथियों से आग्रह है कि इन मुद्दों पर अपना कुछ सुझाव और प्रश्न दें जिसपर और बातचीत किया जा सके।
 
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