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Wednesday, July 29, 2015

इससे बड़ी विडम्बना और विकृति क्या हो सकती है कि जो राष्ट्रपति मृत्युदंड के घोर विरोधी थे, उनके निधन पर घोषित 'राष्ट्रीय शोक' के ऐन बीच भारतीय राज्यसत्ता ने याकूब मेमन को फांसी पर चढ़ाये जाने की सारी तैयारी कर ली है. पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का दुःख क्या इसी तरह मनाया जाना चाहिए?

Mangalesh Dabral

इससे बड़ी विडम्बना और विकृति क्या हो सकती है कि जो राष्ट्रपति मृत्युदंड के घोर विरोधी थे, उनके निधन पर घोषित 'राष्ट्रीय शोक' के ऐन बीच भारतीय राज्यसत्ता ने याकूब मेमन को फांसी पर चढ़ाये जाने की सारी तैयारी कर ली है. पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का दुःख क्या इसी तरह मनाया जाना चाहिए?

  • Ved Uniyal पूर्व राष्ट्रपति डा कलाम ने फांसी पर कहा है। ये नहीं कहा कि फलां की फांसी पर शोर मचाना और फलां की फांसी पर चुप रहना। गलत व्याख्या मत कीजिए उस महामानव के शब्दों की। उन्होंने मुंबई के संदर्भ में नहीं कहा। उन्होंने यह नहीं कहा कि धनजय चटर्जी के मामले में चुप रहना, और याकूब का मामला आए तो क्रांतिकारी बन जाना। डा कलाम की सोच बड़ी थी। वो फांसी को खत्म करना चाहते थे। फांसी के नाम पर राजनीति नहीं कर रहे थे।
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  • Ved Uniyal बाप रे, क्या याकूब को बचाने के निकले ये लोग किसी दूसरी फांसी के समय भी इतने ही तत्पर दिखेंगे। चीफ जस्टिस के घर के आगे खड़े इन सबकी विडियो रिकोर्डिंग बनानी चाहिए। ताकि उस समय पता चले कि ये पाखंड कर रहे थे या इनके मन में सचमुच फांसी के लिए विरोध है। अगर किसी दूसरी फांसी के समय ये चुप रहते हैं तो इनका पाखंड सामने आ जाएगा।
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  • Pankaj Chaturvedi सही कहा.
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  • Pankaj Chaturvedi 'मनुस्मृति' भी उद्धृत कर देते !
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  • Vinod Gupta वाह सेकुलर तबाका वाह मंहगी किताबें वाह अंगेजी शिक्षा वाह एक पार्टी का विरोध करने के लिए एक आतंकवादी का समर्थन करना पड रहा है वाह
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  • Pankaj Chaturvedi हम सिर्फ़ अधिनायकवाद के ख़िलाफ़ हैं, चाहे वह कोई पार्टी हो ! कम्युनिस्ट ही क्यों न हों !
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  • Pankaj Chaturvedi नंदीग्राम और सिंगूर में दमन और अत्याचार-बलात्कार के ख़िलाफ़ भी हम ही लिख रहे थे.
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  • Mangalesh Dabral लगता है, सभी हाफ पैन्ट वालों के भाग्य से बिल्ली का छीका टूट गया है.
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  • Pankaj Chaturvedi Kapildev Tripathi
    Just now · 
    अब समय की मांग है कि न्‍यायपालिका को भंग करके सर्वदलीय न्‍यायमंच का गठन कर देना चाहिए।
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  • Vinod Gupta किसी को हाफ पैंट दिख रहा है कोई न्याय पालिका भंग कर रहा पता नहीं इस राष्ट्र के प्रति क्या मंशा रखते हैं ,मुझे तो लगता है कि लार्ड मैकाले को पड लिख कर देश से सर्वोपरी बन कर घुम फिर रहे हैं , धन्य हो
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  • Summit Jaiswal Face book bhi khud ko padhkar sochta hoga kaha phas Gaya Mai.
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  • Alok Tiwari Ab half pant ke bhagya se hai ......ab tak inke bhagya se hi futa karta tha .....
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  • Surendra Bansal विडम्बना कोई कानून नहीं है और कानून भावनाओ और व्यकिगत विचारों से नहीं चलाया जा सकता यह सामान्य समझ हम सब बौद्धिक लोगों को रखना चाहिए
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  • Vikas Dwivedi अच्छा तो आपका क्या फैसला होता महोदय आप ही बता दो!
    एक काम करो छुड़ाकर अपने घर ले जाओ और उसे अच्छा इन्सान बनाओ . . . . जिस दिन वो महान हो जाये उस दिन से इस देश के सारे फैसले आप लेना।
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