Sustain Humanity


Sunday, February 21, 2016

जब भी कोई RSS वाला देशभक्ति की बात करे, उसे कहिए केस नंबर 176, नागपुर, 2001. वह शर्म से सिर झुका लेगा. हां, यह तभी होगा अगर उनमें लाज बची हो. सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट और संविधान विशेषज्ञ नितिन मेश्राम की हजारों किताबों की शानदार लाइब्रेरी में इस केस का जजमेंट रखा है. 26 जनवरी, 2001 को तीन युवक नागपुर में संघ हेडक्वार्टर पहुंचे. उनके पास भारत का राष्ट्रीय ध्वज था. वे उस बिल्डिंग पर पहली बार राष्ट्रीय झंडा फहराना चाहते थे. वहां मौजूद संघ के बड़े नेताओं ने ऐसा नहीं करने दिया और पुलिस केस कर दिया. उनकी सरकार थी. पुलिस ने झंडा जब्त कर लिया. आखिरकार कोर्ट ने तीनों को बरी कर दिया. सबसे बड़ी बात.... आदेश में दर्ज है कि झंडे को पूरी मर्यादा के साथ हिफाजत में रखा जाए. इस घटना की शर्म की वजह से अब संघ ने कहीं कहीं राष्ट्रीय झंडा फहराना शुरू कर दिया है. Nitin Mesh

जब भी कोई RSS वाला देशभक्ति की बात करे, उसे कहिए केस नंबर 176, नागपुर, 2001.

वह शर्म से सिर झुका लेगा. हां, यह तभी होगा अगर उनमें लाज बची हो.

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट और संविधान विशेषज्ञ नितिन मेश्राम की हजारों किताबों की शानदार लाइब्रेरी में इस केस का जजमेंट रखा है.

26 जनवरी, 2001 को तीन युवक नागपुर में संघ हेडक्वार्टर पहुंचे. उनके पास भारत का राष्ट्रीय ध्वज था. वे उस बिल्डिंग पर पहली बार राष्ट्रीय झंडा फहराना चाहते थे. वहां मौजूद संघ के बड़े नेताओं ने ऐसा नहीं करने दिया और पुलिस केस कर दिया. उनकी सरकार थी. पुलिस ने झंडा जब्त कर लिया.

आखिरकार कोर्ट ने तीनों को बरी कर दिया. सबसे बड़ी बात.... आदेश में दर्ज है कि झंडे को पूरी मर्यादा के साथ हिफाजत में रखा जाए.

इस घटना की शर्म की वजह से अब संघ ने कहीं कहीं राष्ट्रीय झंडा फहराना शुरू कर दिया है.

Nitin Mesh

Dilip C Mandal's photo.
Dilip C Mandal's photo.

--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Post a Comment